मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से ऋषिकेश में स्वाभिमान महारैली निकाली गई। से मूल निवास, भू-कानून की मांग को लेकर बड़ी संख्या में समिति के सदस्य एकत्रित हुए।
उत्तराखंड अपने जल, जंगल, पहाड़ बचने की लडाई काफी समय से लड़ रहा है, यानि की सरकार से मूल निवास, भू-कानून लागु अर्ने की मांग कई समाये से कर रहा है।
वहीँ 29 सितम्बर को मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से ऋषिकेश में स्वाभिमान महारैली निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में समिति के सदस्य एकत्रित हुए। इस दौरान सरकार से मूल निवास, भू-कानून की मांग की। साथ ही प्रदेश में बढ़ते नशे के अपराध को दूर करने की भी मांग की। साथ ही इस महारैली मे कई महिलाये और बुजर्ग भी शामिल रहे। ये महारैली आईडीपीएल से त्रिवेणीघाट तक निकाली गई।
समिति संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि समिति लंबे समय से प्रदेश में सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग कर रही है। सशक्त भू-कानून नहीं होने से उत्तराखंड की शांत वादियां अपराध का अड्डा बन गई हैं।
प्रदेश में ड्रग्स माफिया, भू-माफिया, खनन माफिया गोरखधंधे कर रहे हैं। इसलिए उत्तराखंड में भी हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त भू-कानून लागू करने की जरूरत है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। लेकिन समिति जल्द से जल्द भू कानून को लागू करने की मांग कर रही है।