उत्तराखंड में वनाग्नि के तांडव को शांत करने के लिए अब वायु सेना भी मैदान में उतरी है। वायुसेना का हेलीकॉप्टर सोमवार को पौड़ी के डोभ श्रीकोट के जंगलों में एयरफोर्स ने MI-17 हेलीकॉप्टर से पानी बरसाया। 

बता दें कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग शांत होने के बजाए फैलती ही जा रही है। अब तो आग की लपटे पौड़ी जिला मुख्यालय के आसापास तक पहुंच गई है। सोमवार को वनाग्नि ने खिर्सू ब्लॉक के गोड़ख्याखाल, मांडाखाल के पास, ग्वाड़ीगाड, भटीगांव व छानी के जंगलों को भी अपनी चपेट में ले लिया था। वहीं वनाग्नि के तांडव के आगे वन विभाग समेत पूरा सिस्टम कमज़ोर पड़ रहा है। इसीलिए एयरफोर्स ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए शाम को साढ़े चार बजे जंगलों की आग बुझाने का अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यहां से हेलीकॉप्टर ने अलकनंदा नदी पर बनी जीवीके परियोजना की झील से बकेट में पानी अपलिफ्ट कर जंगलों पर बरसाया। जिससे जंगल में आग पर काफी हद तक काबू पाने में सफलता मिली।

दूसरी ओर देवलगढ़ के आस-पास जंगलों में आग की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम के अलावा कोतवाली श्रीनगर पुलिस व दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

आग के तांडव से त्रस्त देवभूमि, पहाड़ों में सांस लेना हुआ मुश्किल

पौड़ी जिलाधिकारी आशिष चौहान ने बताया कि वानाग्नि की बढ़ते मामलों को देखते हुए वायुसेना की मदद ली गई है। अब तक कुल चार से पांच जगहों पर आग लगातार धधक रही है। बता दें कि वनाग्नि के कारण आसमान में धुएं का गुब्बार छाया हुआ था। जिस कारण एयरफोर्स के पायलट को एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ने में भी परेशानी हो रहा थी। इसीलिए सोमवार को एयरफोर्स का ऑपरेशन देर से शुरू हुआ।

विभाग के मुताबिक गढ़वाल डिविजन की छह रेंजों में से पौड़ी, पोखड़ा और दीवा रेंज में आग की 54 घटनाएं हुई। जबकि पैठाणी, पूर्वी व पश्चिमी अमेली रेंज में आग की एक भी घटनाएं नहीं घटी है। मांडाखाल के समीप के जंगलों में आग फिर से शुरू हो गई है, जो कि धीरे धीरे गोड़ख्याखाल तक पहुंच गई।

वहीं, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अब जंगल में बार-बार आग लगाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। साथ ही वन संपदा को हुए नुकसान की भरपाई भी आग लगाने वालों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि पौड़ी और अल्मोड़ा में आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ की टीम उतारी गई है।

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