हाईकोर्ट ने आदेश में कहा की प्रश्न संख्या 70 को पूर्णत: हटाया जाए। अन्य 3 विवादित प्रश्नों की जांच एक विशेषज्ञ समिति (Expert Committee) करेगी। संशोधित प्रारंभिक परिणाम और नई मेरिट सूची जारी होने तक मुख्य परीक्षा कराना उचित नहीं। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मेरिट सूची को 2022 के रेगुलेशन के अनुसार दोबारा तैयार किया जाए।

याचिका कुलदीप कुमार सहित अनेक अभ्यर्थियों द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों की शुद्धता पर सवाल उठाए थे। यह परीक्षा डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक, वित्त अधिकारी, सहायक आयुक्त राज्य कर सहित 120 से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी। आठ अक्टूबर को जारी परिणाम में लगभग 1200 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था।

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन का एक प्रश्न गलत तरीके से तैयार किया गया था, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ। इसी बिंदु पर लोक सेवा आयोग ने भी न्यायालय में स्वीकार किया कि एक प्रश्न त्रुटिपूर्ण था और उसे हटाया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस आधार पर मुख्य परीक्षा पर अस्थायी रोक लगा दी है। अब संशोधित प्रीलिम्स परिणाम और मेरिट सूची जारी होने के बाद आगे की परीक्षा प्रक्रिया तय की जाएगी।
