केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे पर सरकार पर उठे सवाल,  हाईकोर्ट ने पूरे हादसा का संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा कि किस वजह से ये हादसे हो रहे हैं? क्या कमियां है?

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बता दें 15 जून की सुबह आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की तरफ लौट रहा था। जैसे ही गौरीकुंड के ऊपर पहुंचा, वैसे ही गौरीकुंड से करीब 5 किमी ऊपर गौरी माई खर्क नामक जगह पर क्रैश हो गया।इस हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट, बच्ची समेत 7 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में हेलीकॉप्टर के साथ शव बुरी तरह से जल गए। हादसे के वक्त कुछ महिलाएं घास काट रही थी। तभी जोरदार आवाज आई और हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट अचानक खामोश हो गई। जहां पर हादसा हुआ वहां पर धुआं और राख नजर आने लगी। जिसे देख महिलाएं घबरा गई।इसके बाद महिलाओं ने हादसे की सूचना अन्य लोगों को दी। जिसके बाद ही हादसे की जानकारी प्रशासन, हेली कंपनी समेत तमाम आला अधिकारियों को मिल पाई। यह हादसा सुबह सवा 5 बजे के आसपास हुआ। बताया जा रहा है कि मौसम में खराबी की वजह से यह हादसा हुआ। इससे पहले भी कुछ हेलीकॉप्टरों की क्रैश लैंडिंग हो चुकी है।

Breaking News: केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश, 5 की मौत

गौरीकुंड हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे का नैनीताल हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मामले में मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मौखिक तौर पर राज्य सरकार से सवाल पूछे है कि किस वजह से ये हादसे हो रहे हैं? क्या कमियां है? हर साल किसी न किसी एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश होता है।राज्य सरकार को इस मामले पर कोई ठोस नीति बनाने की जरूरत है।कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि यह उच्च हिमालयी क्षेत्र है। यहां मौसम बदलता रहता है। इसके लिए एविएशन चलाने वाली कंपनियों को पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों का मौसम व कोहरे का ज्ञान होना चाहिए. क्योंकि, बारिश के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र शुष्क रहते हैं। ऐसे में सरकार मामले पर कोई ठोस नीति बनाए।आज हुए सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए चारधाम हेली सेवाओं पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

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