बदरीनाथ हाईवे खोलने में जुटे मजदूरों के ऊपर अचानक भरभराकर पहाड़ी से बोल्डर गिरने लगे। जिसके बाद मजदूर अपनी जान बचाने के लिए भागे। गनीमत रही कि सभी मजदूर सुरक्षित है। जरा सी देरी मजदूरों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती थी।

बता दें की बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों की चट्टानें कमजोर पड़ गई हैं। ऐसे में भूस्खलन की घटनाएं आए दिन पहाड़ी इलाकों से आती रहती है। वहीं मंगलवार को सुबह करीब सात बजे चुंगीधार के पास बड़ी मात्रा में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा हाईवे पर आ गिरा जिससे यहां वाहनों की आवाजाही थम गई। जेसीबी मलबे को हटा रही थी कि फिर से 11 बजे इसी स्थान पर चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गया। इससे हाईवे का करीब पांच मीटर हिस्सा भी ध्वस्त हो गया।

बद्रीनाथ हाईवे पर पातालगंगा लंगसी टनल के पास पहाडी से भूस्खलन

जोशीमठ बदरीनाथ हाईवे पर फिर से मलबा आने से पैदल आवाजाही में मुश्किल हो रही है। हाईवे बंद हुए आज तीसरा दिन हो गया है। वहीं ड्रि्लिंग मशीन के ऊपर भी भारी बोल्डर गिर गया। जब दूसरे दिन भी बदरीनाथ हाईवे नहीं खुला तो यात्रियों ने वाहनों में रात गुजारी। आज तीसरे दिन भी हाईवे की स्थिति अभी तक नहीं सुधरी है। बीआरओ बोल्डरों को हटाने में जुटा हुआ है और करीब 3000 तीर्थयात्री यहां फंसे हैं।

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हाईवे खुलता न देख कई तीर्थयात्री आसपास के होटलों में चले गए जबकि कई तीर्थयात्रियों ने वाहनों में ही रात बिताई। वहीं बीआरओ की टीम हाईवे खोलने में जुटी है।

ऑल वेदर परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर हेलंग से मारवाड़ी तक चौड़ीकरण कार्य गतिमान है। कई जगहों पर हाल ही में बीआरओ की ओर से हिल कटिंग की गई है।

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