गणेश गोदियाल ने सीएम धामी को लिखा पत्र, मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने की मांग

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने वन्य जीवों और इंसानों के बीच बढ़ती संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है. दरअसल उत्तराखंड में और खासकर पहाड़ी जिलों में गुलदार और भालू आतंक का पर्याय बन गए हैं. भालू विशेष रूप से आक्रामक हो गए हैं और इंसानी बस्तियों में घुसकर भी हमला कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर गणेश गोदियाल ने सीएम धामी को चिट्ठी लिखी है.

अपने पत्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों के विभिन्न हिस्सों में समय-समय पर वन्यजीवों द्वारा आमजन पर हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले कुछ वर्षों से ऐसी घटनाओं में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई है. इसलिए इन कारणों की तह तक जाना जरूरी है, कि आखिर मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं क्यों बढ़ती जा रही हैं.

गोदियाल ने कहा कि इस संबंध में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी केंद्रीय मंत्री से वार्ता करते हुए यह कह रहे थे कि क्या कारण हो सकते हैं कि मानव और वन्य जीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके लिए सब चिंतित हैं, और यह जानना चाहते हैं कि इसके कारण क्या हैं. उन्होंने कहा कि कारण जो भी हों, लेकिन इन घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्काल कारगर उपाय किए जाने चाहिए. लेकिन अभी ऐसा कुछ प्रतीत नहीं हो रहा है.

गणेश गोदियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का भी कहना है कि वन्यजीवों के हमले में हुई जन हानि पर मुआवजा 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है. लेकिन मुआवजा बढ़ाना ही समस्या का समाधान नहीं है. गोदियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को इंसान और वन्य जीवों के मध्य हो रही संघर्ष की घटनाओं की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश जारी करने चाहिए और उन निर्देशों को पब्लिक डोमेन में भी लाया जाना चाहिए कि अधिकारियों ने इसकी रोकथाम के लिये अभी तक क्या एहतियातन कदम उठाये हैं. जो अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं लाया गया है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ने वन्यजीवों द्वारा घायल व्यक्तियों के निशुल्क उपचार या बिलों की प्रतिपूर्ति किए जाने का भी निर्णय लिया है. किंतु अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं. उन्होंने पत्र में यह भी मांग उठाई है कि सरकार ने यदि ऐसा कोई भी आदेश जारी किया है तो उसे सार्वजनिक किया जाए, जिससे आम जनमानस को राहत मिल सके. गोदियाल का कहना है कि वह दो दिन पूर्व पौड़ी जिले में वन्य जीव हमले में घायल कुछ लोगों से मिलकर आए हैं. लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि उन्हें अभी तक किसी प्रकार का मुआवजा या फिर इलाज का खर्चा नहीं मिला है.

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