20 ढोंगी बाबाओं को पकड़ा पिरान कलियर पुलिस ने
हरिद्वार जिले की पिरान कलियर थाना पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत 20 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गिरफ्तार किए गए आरोपी अलग-अलग राज्यों के बताए जा रहे हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. हरिद्वार पुलिस का कहना है कि ढोंगी बाबाओं के खिलाफ उनकी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. एसपी देहात शेखर चन्द्र सुयाल ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत पिरान कलियर क्षेत्र से 20 फर्जी बाबाओं को हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई जारी रहेगी.
दरअसल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा संचालित “ऑपरेशन कालनेमि” अभियान के तहत हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के निर्देश पर हरिद्वार जनपद के सभी थाना और कोतवाली पुलिस द्वारा ढोंगी बाबाओं के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. इसी क्रम में पिरान कलियर थाना पुलिस द्वारा विश्व प्रसिद्ध दरगाह और पिरान कलियर क्षेत्र में विशेष गश्त चेकिंग अभियान चलाया गया. पुलिस ने मौके पर सभी का सत्यापन किया. साथ ही जिनके दस्तावेज व गतिविधियां संदिग्ध पाई उन्हें उन पर एक्शन लिया.
इसी दौरान पुलिस टीम को कई बेहरूपी बाबा, जो बाबा के भेष में तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और अन्य प्रदर्शन कर राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित कर भीड़ को इकठ्ठा कर पाए गए, जिससे कलियर दरगाह पर आए जायरिनों और स्थानीय लोगों में असंतोष व उग्रता की सम्भावना को देखते हुए पुलिस टीम ने मौके से 20 बेहरूपी बाबाओं को धारा 172(2) BNSS में गिरफ्तार कर थाने लाया गया. बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्ति अलग-अलग राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली समेत पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, फिलहाल पुलिस द्वारा सभी के खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.
एसपी देहात शेखर चन्द्र सुयाल ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत पिरान कलियर क्षेत्र से 20 फर्जी बाबाओं को हिरासत में लिया गया है, सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि ये अभियान लगातार जारी रहेगा.
गौर हो कि हरिद्वार पुलिस ने 30 जुलाई को चेकिंग के दौरान बाबाओं के भेष में तंत्र-मंत्र, जादू-टोना व कलाओं को दिखाकर लोगों को ठगी करने वालों पर एक्शन किया. पुलिस ने इसी कड़ी में 44 ढोंगी बाबाओं को अरेस्ट किया था. पुलिस ने दक्ष प्रजापति मंदिर से चार फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया था.
